शासक और इतिवृत > मुग़ल शासक और साम्राज्य

स्त्रोत - क्रोनिकल्स (इतिवृत/इतिहास)

  • नियुक्त शासक होने की दृष्टि के प्रसार प्रचार का तरीका
  • दरबारी इतिहासकारों को विवरण लेखन का कार्य सौंपा गया
  • बादशाह के समय की घटनाओं का लेखा जोखा दिया गया
  • शासन में मदद के लिए ढेरों जानकारियां इक्कट्ठा की गयीं
  • घटनाओं का अनवरत कालानुक्रमिक विवरण
  • अपरिहार्य स्त्रोत
  • तथ्यात्मक सूचनाओं का खजाना
  • मूल-पाठों का उद्देश्य – उन आशयों को संप्रेषित करना था जिन्हें मुग़ल शासक अपने क्षेत्र में लागू करना चाहते थे
  • इनसे झलक मिलती है – कैसे शाही विचारधाराएँ रची और प्रचारित की जाती थीं.

मुग़ल शासक और साम्राज्य

  • मुग़ल और तैमूर नाम
  • पहला तैमूर शासक बाबर चंगेज खान का सम्बन्धी था
  • 16वीं शताब्दी में यूरोपियों ने शासकों का वर्णन करने के लिए मुग़ल शब्द का प्रयोग किया  | 
  • रडयार्ड किपलिंग की पुस्तक में युवा नायक मोगली

ज़हीरुद्दीन मुहम्मद उर्फ बाबर की उपलब्धियां

  • महज़ 12 वर्ष की आयु में फ़रगना घाटी का शासक बन गया।
  • बाबर कुषाणों के बाद ऐसा पहला शासक हुआ जिसने काबुल एवं कंधार को अपने पूर्ण नियंत्रण में रख सका।
  • भारत में अफ़ग़ान एवं राजपूत शक्ति को समाप्त कर ‘मुगल साम्राज्य’ की स्थापना की, जो लगभग 330 सालों तक चलता रहा।
  • हिंदुस्तान में पहली बार तुलगमा युद्ध नीति का प्रयोग बाबर ने किया।
  • हिंदुस्तान में पहली बार तोपखाने का प्रयोग बाबर ने किया
  • सड़कों की माप के लिए बाबर ने ‘गज़-ए-बाबरी’ के प्रयोग का शुभारम्भ किया।

नसीरुद्दीन हुमायूँ (1530-40, 1555-56)

हुमायूँ एक मुगल शासक था। प्रथम मुग़ल सम्राट बाबर का पुत्र नसीरुद्दीन हुमायूँ था। यद्यपि उन के पास साम्राज्य बहुत साल तक नही रहा, पर मुग़ल साम्राज्य की नींव में हुमायूँ का योगदान है।

  • जन्म की तारीख और समय: 6 मार्च 1508, काबुल, अफ़ग़ानिस्तान
  • मृत्यु की जगह और तारीख: 27 जनवरी 1556, दिल्ली
  • दफ़नाने की जगह: हुमायूँ का मकबरा, नई दिल्ली
  • बच्चे: अकबर, बख्शी बानो बेगम, ज़्यादा
  • पत्नी: माह चुचक बेगम (विवा. 1546), हमीदा बानो बेगम (विवा. 1541–1556), बेगा बेगम (विवा. 1527–1556)
  • माता-पिता: बाबर, महम बेगम
  • भाई: कामरान मिर्ज़ा, गुलबदन बेगम, ज़्यादा

जलालुद्दीन अकबर (1556-1605)

  • साम्राज्य का विस्तार, सुदृढीकरण किया
  • हिन्दुकुश पर्वत तक सीमाओं का विस्तार किया
  • सफाविओं और उज्बेकों की विस्तारवादी योजनाओं पर लगाम लगाया

जहाँगीर (1605-27)

  • शाह जहाँ पाँचवे मुग़ल शहंशाह था। शाह जहाँ अपनी न्यायप्रियता और वैभवविलास के कारण अपने काल में बड़े लोकप्रिय रहे। किन्तु इतिहास में उनका नाम केवल इस कारण नहीं लिया जाता। शाहजहाँ का नाम एक ऐसे आशिक के तौर पर लिया जाता है जिसने अपनी बेग़म मुमताज़ बेगम के लिए विश्व की सबसे ख़ूबसूरत इमारत ताज महल बनाने का यत्न किया।
  • जन्म की तारीख और समय: 5 जनवरी 1592, लाहौर, पाकिस्तान
  • मृत्यु की जगह और तारीख: 22 जनवरी 1666, आगरा फोर्ट, आगरा
  • दफ़नाने की जगह: ताज महल, आगरा
  • पत्नी: इज़्ज़-उन-निस्सा (विवा. 1617–1666), ज़्यादा
    बच्चे: औरंगज़ेब, जहाँनारा बेग़म, दारा सिकोह, ज़्यादा
  • दादा या नाना: अकबर, मरियम उज़-ज़मानी, मारवाड़ के उदय सिंह,

शाहजहाँ (1628-58)

  • शाह जहाँ पाँचवे मुग़ल शहंशाह था। शाह जहाँ अपनी न्यायप्रियता और वैभवविलास के कारण अपने काल में बड़े लोकप्रिय रहे। किन्तु इतिहास में उनका नाम केवल इस कारण नहीं लिया जाता। शाहजहाँ का नाम एक ऐसे आशिक के तौर पर लिया जाता है जिसने अपनी बेग़म मुमताज़ बेगम के लिए विश्व की सबसे ख़ूबसूरत इमारत ताज महल बनाने का यत्न किया।
  • जन्म की तारीख और समय: 5 जनवरी 1592, लाहौर, पाकिस्तान
  • मृत्यु की जगह और तारीख: 22 जनवरी 1666, आगरा फोर्ट, आगरा
  • दफ़नाने की जगह: ताज महल, आगरा
  • पत्नी: इज़्ज़-उन-निस्सा (विवा. 1617–1666), ज़्यादा
  • बच्चे: औरंगज़ेब, जहाँनारा बेग़म, दारा सिकोह, ज़्यादा
    दादा या नाना: अकबर, मरियम उज़-ज़मानी, मारवाड़ के उदय सिंह,

औरंगजेब (1658-1707)

  • मुहिउद्दीन मोहम्मद, जिन्हें आम तौर पर औरंगज़ेब या आलमगीर के नाम से जाना जाता था, भारत पर राज करने वाला छठा मुग़ल शासक था। उसका शासन 1658 से लेकर 1707 में उनकी मृत्यु तक चला। औरंगज़ेब ने भारतीय उपमहाद्वीप पर आधी सदी के लगभग समय तक राज किया। वो अकबर के बाद सबसे अधिक समय तक शासन करने वाला मुग़ल शासक था।
  • जन्म की तारीख और समय: 3 नवंबर 1618, दाहोद
  • मृत्यु की जगह और तारीख: 3 मार्च 1707, भिंगर, अहमदनगर
  • दफ़नाने की जगह: टॉम्ब ऑफ़ मुघल एम्पेरोर औरंगज़ेब आलमगीर, खुल्दाबाद
  • बच्चे: बहादुर शाह प्रथम, मुहम्मद अकबर, ज़्यादा
  • पत्नी: नवाब बाई (विवा. 1638–1691), ज़्यादा
  • किताबें: फ़तवा-ए-आलमगीरी
  • माता-पिता: शाह जहाँ, मुमताज़ महल

औरंगजेब की मृत्यु के बाद

  • 1707 में औरंगजेब की मृत्यु हुई
  • राजनीतिक शक्तियां घटने लगीं
  • राजधानी नगरों से नियंत्रित विशाल साम्राज्य की जगह क्षेत्रीय शक्तियों ने अधिक स्वायतत्ता अर्जित की
  • अंतिम वंशज बहादुर शाह जफ़र 1857

Class 12th History Chapter 7 Important Question Answer 1 Marks एक साम्राज्य की राजधानी : विजयनगर

प्रश्न 1 किन सांस्कृतिक परिस्थितियों और परम्पराओं में विजयनगर को 1336 में स्थापित किया गया ?
उत्तर : परंपरा और अभिलेखीय साक्ष्यों के अनुसार विजयनगर साम्राज्य की स्थापना दो भाइयों-हरिहर और बुक्का द्वारा 1336 में की गई थी। इस साम्राज्य की अस्थिर सीमाओं में अलग-अलग भाषाएं बोलने वाले तथा अलग-अलग धार्मिक परंपराओं को मानने वाले लोग रहते थे।

प्रश्न 2. विजयनगर के शासन ने अपने समकालीन शासकों और राज्यों के साथ कैसे संबंध स्थापित किए ? उन्होंने स्वयं को किस उपाधि से संबोधित कराया ?
उत्तर : अपनी उत्तरी सीमाओं पर विजयनगर शासकों ने अपने समकालीन राजाओं, जिनमें दक्कन के सुलतान आर उड़ीसा के गजपति शासक शामिल थे, उर्वर नदी घाटियों तथा लाभकारी विदेशी व्यापार से उत्पन्न संपदा पर अधिकार के लिए संघर्ष किया। विजयनगर के शासक ने अपने आपको राय कहलवाया।

प्रश्न 3. चौदहवीं शताब्दी में शासकों और सत्ताधारियों को किन-किन उपाधियों से संबोधित किया गया ?
उत्तर : चौदहवीं शताब्दी में शासकों और सत्ताधारियों को गजपति, अश्वपति, राय और नरपति शब्दों से संबोधित किया गया। गजपति का शाब्दिक अर्थ हाथियों का स्वामी होता है। पंद्रहवीं शताब्दी में उड़ीसा के एक शक्तिशाली शासक वंश का यही नाम था। विजयनगर की लोक प्रचलित परंपराओं में दक्कन के सुल्तानों को अश्वपति या घोड़ों के स्वामी तथा रायों को नरपति या लोगों के स्वामी की संज्ञा दी गई है ।

प्रश्न 4. नायक कौन सी भाषा बोलते थे ? विजयनगर साम्राज्य के शासकों ने उन्हें किस प्रकार अपने वश में किया हुआ था ?
उत्तर : नायक आमतौर पर तेलुगु या कन्नड़ भाषा बोलते थे। कई नायकों ने विजयनगर शासक की प्रभुसत्ता के आगे । समर्पण किया था पर ये अक्सर विद्रोह कर देते थे और इन्हें । सैनिक कार्यवाही के माध्यम से ही काबू में किया जाता था।

प्रश्न 5. कॉलिन मैकेन्जी कौन था ? संक्षेप में उसका कोई ऐतिहासिक योगदान बताइए।
उत्तर : 1754 ई. में जन्मे कॉलिन मैकेन्जी ने एक अभियंता, सर्वेक्षक तथा मानचित्रकार के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त की। 1815 में उन्हें भारत का पहला सर्वेयर जनरल बनाया गया और 1821 में अपनी मृत्यु तक वे इस पद पर बने रहे। भारत के अतीत को बेहतर ढंग से समझने और उपनिवेश के प्रशासन को आसान बनाने के लिए उन्होंने इतिहास से संबंधित स्थानीय परंपराओं का संकलन तथा ऐतिहासिक स्थलों का सर्वेक्षण करना आरंभ किया।

प्रश्न 6. विजयनगर की शहरी राजधानी में सुरक्षित बचे भवन हमें क्या बताते हैं? किन्हीं दो बिंदुओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर : विजयनगर की शाही राजधानी में सुरक्षित बचे। भवन हमें यह बताते हैं कि विजयनगर के शासक वर्ग के लोग धनी और शिल्पकार और भवन निर्माण, उनकी कला-कौशल और अन्य लोगों या शत्रुओं अथवा शासकों के आक्रमण से सुरक्षा के लिए पर्याप्त सुरक्षा करते थे। भवनों में कृषि के लिए । पर्याप्त भूभाग, किलेबंद क्षेत्रों में छोड़ा जाता था। विशाल जलाशय बनाए जाते थे, शाही राजधानी में महल, किले, सेना और आम जनता के भवन, भव्य बाजार, मंदिर आदि होते थे।

प्रश्न 7. विजयनगर शहर की किन्हीं तीन किलेबंदियों की संक्षिप्त जानकारी दीजिए।
उत्तर : (1) एक किलेबंदी द्वारा शहर के खेतों को में गया था।
(2) दूसरी किलेबंदी नगरीय केंद्र के आंतरिक भाग के चारों ओर बनी हुई थी।
(3) तीसरी किलेबंदी से शासकीय केंद्र को घेरा गया था जिसमें महत्त्वपूर्ण इमारतों के प्रत्येक समूह की घेराबंदी उनकी अपनी ऊँची दीवारों से की गई थी।

प्रश्न 8. विजयनगर शहर की सबसे बाहरी दीवार की बनावट की क्या विशेषता थी?
उत्तर : विजयनगर शहर की सबसे बाहरी दीवार को बनाने में गारे या पत्थरों को जोड़ने के लिए किसी अन्य वस्तु का प्रयोग नहीं किया गया था। पत्थर के टुकड़े फन्नी जैसे थे जिसके कारण वे अपने स्थान पर टिके रहते थे।

प्रश्न 9. किन्हीं दो स्थापत्य परंपराओं का उल्लेख कीजिए जिन्होंने विजयनगर के वास्तुविदों को प्रेरित किया। उन्होंने इन परंपराओं का मंदिर स्थापत्य में किस प्रकार प्रयोग किया? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : विजयनगर के शासकों ने अपने समकालीन राजाओं के साथ संपर्क के द्वारा विचारों का आदान-प्रदान विशेष रूप से स्थापत्य के क्षेत्र में किया। उन्होंने भवन निर्माण की विभिन्न तकनीकों को अपनाया और विकसित किया और मंदिर स्थापना में अग्रलिखित प्रकार से प्रयोग किया-

(i)विजयनगर की स्थापना से पूर्व तमिलनाडु में चोखों और टिक में होयसालों ने विशाल मंदिरों जैसे तंजावुर के बृहदेश्वर तथा बेलूर के चन्नकेशव मंदिर को संरक्षण प्रदान किया था। ज्यनगर के शासकों ने इन परंपराओं को आगे बढ़ाया और ं के निर्माण के साथ गोपुरमों को जोड़ा। इन गोपुरमों के लंबी दूरी से ही मंदिर दिखाई दे जाते थे।
(ii)विरुपाक्ष मंदिर का सबसे प्राचीन भाग (मंदिर) नवीं- दसवीं साब्दी में बनाया गया था। विजयनगर के शासकों ने इसमें वृद्धि | क। कृष्णदेव राय ने मुख्य मंदिर के सामने मंडप तथा पूर्वी गोपुरम्। निर्माण करवाया। मंडप को सूक्ष्मता से उत्कीर्णित स्तंभों से वाया गया। इस प्रकार वास्तुविदों ने कई परंपराओं को प्रेरित किया और उन्होंने उसमें बदलाव भी किया।

प्रश्न 10. 14वीं और 16वीं शताब्दियों के बीच के काल के दक्षिण भारत के किन्हीं दो महत्त्वपूर्ण राज्यों और तीन शहरों के नाम बताइए।
उत्तर : I. दो महत्त्वपूर्ण राज्य : (i) विजयनगर साम्राज्य ) बहमनी।
II.तीन शहर : हम्पी, तंजावुर, चंद्रगिरी, बीजापुर, गोलकुंडा, बीदर, बरार, अहमदनगर (कोई दो लिखें) ।

प्रश्न 11. विजयनगर साम्राज्य के पतन के किन्हीं दो कारणों को. लिखें।
उत्तर : (1) विजयनगर राज्य में शासन प्राप्ति के लिए गृह-यद्ध चलते रहते थे। इन युद्धों ने राज्य की शक्ति को कमजोर कर दिया।
(2) 1565 ई० में तालीकोटा के युद्ध में विजयनगर की सेनाएँ तरह पराजित हुई। विजयी सेनाओं ने विजयनगर शहर खूब में टमाटर की। अत: कुछ ही वर्षों में यह शहर पूरी तरह उजड़ गया।

प्रश्न 12.विजयनगर के धार्मिक केंद्रों का महत्त्व स्पष्ट कीजिए। गोपुरम और मंडप पर विशेष बल देते हुए विजयनगर के धार्मिक केंद्रों का महत्त्व स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : (i) विजयनगर में धार्मिक केंद्र का संबंध कई धार्मिक । पिताओं से रहा है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार यहाँ की ड़ियाँ रामायण में उल्लिखित बाली और सुग्रीव के वानर राज्य की करती थी। एक अन्य मान्यता के अनुसार स्थानीय मातृदेवी परमादेवी ने विरुपाक्ष (राज्य के संरक्षक देवता व शिव का एक रूप) विवाह के लिए यहाँ तप किया था। यह विवाह आज भी विरुपाक्ष मंदिर में हर वर्ष मनाया जाता है। यहाँ पर जैन मंदिर भी मिले हैं।
(ii) मंदिरों का निर्माण पल्लव, चालुक्य, होयसाल और चोल के शासकों ने अपने आपको ईश्वर से जोड़ने के लिए किया।
(iii) मंदिरों में राजकीय प्रतिमूर्तियाँ प्रदर्शित की जाती थीं।
(iv) राजा द्वारा मंदिरों की यात्राओं को महत्त्वपूर्ण राजकीय अवसर माना जाता था।
(v) मंदिर शिक्षा के केंद्र भी थे।

प्रश्न 13. गोपुरम का अर्थ और शासकों के लिए महत्त्व का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
उत्तर : विजयनगर साम्राज्य के मंदिर स्थापत्य के संदर्भ में इस समय तक कई नए तत्व प्रकाश में आते हैं। इनमें विशाल स्तर पर बनाई गई संरचनाएँ जो राजकीय सत्ता की द्योतक थीं, शामिल हैं। इनका सबसे अच्छा उदाहरण राय गोपुरम् अथवा राजकीय प्रवेशद्वार थे जो अक्सर केंद्रीय देवालयों की मीनारों को बौना प्रतीत कराते थे और लंबी दूरी से ही मंदिर के होने का संकेत देते थे। ये संभवत: शासकों की ताकत की याद भी दिलाते थे. जो इतनी ऊँची मीनारों के निर्माण के लिए आवश्यक साधन, तकनीक तथा कौशल जुटाने में सक्षम थे।

प्रश्न 14. विजयनगर के राजकीय केंद्र की विशाल इमारतों तथा मंदिरों के बीच क्या अंतर था?
उत्तर : 1. विशाल इमारतें धार्मिक क्रियाकलापों के लिए नहीं थीं, जबकि मंदिर धार्मिक क्रियाकलापों के केंद्र थे। 2. मंदिर पूरी तरह राजगिरी से निर्मित थे, जबकि अन्य इमारतें नष्ट प्रायः सामग्री से बनाई गई थीं।

प्रश्न 15. विजयनगर साम्राज्य में स्थापत्य (भवन) स्थानों की व्यवस्था व उनका उपयोग किस प्रकार किया गया था ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : विजयनगर साम्राज्य में स्थापत्य (भवन) स्थानों की व्यवस्था व उनका उपयोग निम्नलिखित प्रकार से किया जाता था:
1. सुरक्षित भवन हमें उन तरीकों के बारे में बताते हैं जिनसे स्थानों को व्यवस्थित किया गया तथा उन्हें उपयोग में लाया गया। वे इसके बारे में भी बताते हैं कि किन वस्तुओं और तकनीकों से उनका निर्माण किस प्रकार किया गया।
2.यदि हम किसी शहर की किलेबंदी का अध्ययन करते हैं तो हमें प्रतिरक्षण जरूरतों और सामरिक तैयारी के विषय में जानकारी प्राप्त होती है।
3.यदि उनकी अन्य स्थानों के भवनों से तुलना की जाती है तो भवन हमें विचारों के विस्तार तथा सांस्कृतिक प्रभावों के विषय में भी बताते हैं।
4.वे उन विचारों को व्यक्त करते हैं जो निर्माणकर्ता अथवा प्रश्रयदाता जाहिर करना चाहते थे। वे प्राय: ऐसे चिह्नों से परिपूर्ण रहते हैं जो उनके सांस्कृतिक संदर्भ का परिणाम होते हैं। 5. इन्हें हम अन्य स्रोतों जैसे साहित्य, अभिलेखों तथा लोकप्रचलित परंपराओं से मिली जानकारी के आधार पर संयोजित करके समझ सकते हैं।

प्रश्न 16. हम्पी के मंदिरों की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर : 1. विशाल हिंदू और जैन मंदिरों के निर्माण के लिए शाही खजाने के साथ-साथ लोगों द्वारा बहुत-सी रकम मंदिरों के निर्माण के लिए दान में प्राप्त होती थी।
2.हजारा मंदिर और विट्ठल स्वामी के मंदिर बहुत प्रसिद्ध हैं।

प्रश्न 17. “विरूपाक्ष’ विजयनगर के सबसे महत्त्वपूर्ण देवता थे। कोई दो तर्क दीजिए।
उत्तर : 1. विजयनगर के शासक भगवान् विरुपाक्ष की ओर से शासन करने का दावा करते थे।
2.सभी राजकीय आदेशों पर कन्नड़ लिपि में ‘श्री विरुपाक्ष” शब्द अंकित होता था।

प्रश्न 18. विट्ठल स्वामी मंदिर की विशेष बातें लिखिए।
उत्तर : विट्ठल स्वामी के मंदिर का निर्माण देवराय द्वितीय के आरंभ में हुआ और अच्युत देवराय के शासन काल तक भी पूरा न हो सका। यह मंदिर 135 फुट लंबा और 68 फुट चौड़ा व 25 फुट ऊँचा है। इनके दो द्वार हैं तथा 56 स्तम्भ है।

प्रश्न 19. ‘हजार राम मंदिर’ कहाँ स्थित है ? इसकी कोई दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर : हजार राम मंदिर विजयनगर के राजकीय केंद्र में स्थित है।
विशेषताएँ : (1) यह एक अत्यंत दर्शनीय मंदिर है। (2) इस मंदिर की आंतरिक दीवारों पर रामायण से लिए गए कुछ दृश्य उकेरे गए हैं।

प्रश्न 20. निम्नलिखित शब्दों के अर्थ स्पष्ट कीजिए: (क) गोपुरम, (ख) शिखर, (ग) गर्भगृह, (घ) परिक्रमा कक्षा।
उत्तर : (क) गोपुरम (Gopuram) : दक्षिण भारत के मंदिरों के विशाल प्रवेश द्वार को गोपुरम कहते हैं। विजयनगर साम्राज्य के मंदिरों में प्राय: चार गोपुरम मिलते हैं।
(ख) शिखर (Shikher) : मंदिर की बहुत ऊँची चोटी को शिखर कहते हैं। यह दूर से ही मंदिरों के अस्तित्व होने को इंगित करते संकेत है।
(ग) गर्भगृह (Garbh Grah) : मंदिर का वह मुख्य कक्ष यहाँ पर प्रमुख आराध्य देव या देवी की प्रतिमा प्रतिस्थापित होती है।
(घ) परिक्रमा कक्ष (Parikarma Kaksh) : गर्भगृह के चारों ओर बना हुआ गलियारा परिक्रमा कक्ष कहलाता है जिसमें प्राय: घूमकर श्रद्धालुगण अपने आराध्य देवी-देवता के प्रति अपनी भवित और श्रद्धा की भावना की अभिव्यक्ति करते हैं।

प्रश्न 21. विजयनगर के विरुपाक्ष मंदिर के विस्तार में कृष्णदेव राय के योगदान के कोई दो बिंदु लिखिए।
उत्तर : 1. कृष्णदेव राय ने अपने सिंहासनारोहण के उपलक्ष्य में मुख्य मंदिर के सामने एक मंडप बनवाया। इसे सुंदर नक्काशी वाले स्तंभों से सजाया गया।
2.मंदिर के पूर्वी गोपुरम् के निर्माण का श्रेय भी कृष्णदेव राय को जाता है।

प्रश्न 22. हम्पी की चार ऐतिहासिक इमारतों के नाम लिखिए।
उत्तर : हाथी खाना-हम्पी, तीर्थंकर-विजयनगर, साम्राज्य,कमल या लोटस महल-हम्पी शहर (विजयनगर), हम्पी स्थित कृष्णा मंदिर के खंडहर।

प्रश्न 23. विजयनगर के देवराय को स्थापत्य कला के क्षेत्र में किन योगदानों के लिए याद किया जाता है निकोलोदि कांती यात्री उसके बारे में क्या लिखता है?
उत्तर : देव राय को उसकी जन कल्याण परियोजनाओं, जिनमें राज्य में सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए तुंगभद्रा और हरिद्रा पर बांध बनाना शामिल है, के लिए याद किया जाता है। उसने मंदिर और पुजारियों को भी प्रचुर अनुदान दिश। इतावली यात्री, निकोलो दि कांती जो उनके शासन काल में। विजयनगर आया, लिखता है कि वह भारत के अन्य राजाओं से अधिक शक्तिशाली था”।

प्रश्न 24. विजयनगर साम्राज्य प्लाइयागार कान कहलाता था? वह क्या कार्य करता था ?
उत्तर : विजयनगर साम्राज्य में प्लाइयागार सेनापति नायक कहलाता था। उन्हें साम्राज्य की सेवा के लिए निश्चित । पैदल, घुड़सवार और हाथी सेना रखनी पड़ती थी।

प्रश्न 25. कृष्णदेव राय का किस वंश से संबंध धार उसके विस्तार और सुदृढ़ीकरण की नीति के किसी एक बिन्दु का उल्लेख कीजिए।
उत्तर : (i) कृष्णदेव राय का संबंध तुलुव वंश से था। यह वंश सुलवों के बाद सत्ता में आया था।
(ii) हालांकि राज्य हमेशा सामरिक रूप से विस्तार के लिए तैयार रहता था, लेकिन फिर भी यह अतुलनीय शांति और समृद्धि की स्थितियों में फला-फूला।

प्रश्न 26, विजयनगर साम्राज्य का अंतिम शासक कौन था ?
उत्तर : विजयनगर साम्राज्य का अंतिम शासक सदाशिव था।

प्रश्न 27, विजयनगर के राजकीय केंद्र में स्थित महानवमी डिब्बा से संबंधित अनुष्ठानों का उल्लेख कीजिए।

अथवा

महानवमी डिब्बा से संबंधित इस अवसर पर होने वाले किन्हीं दो धर्मानुष्ठानों का उल्लेख कीजिए।

अथवा

विजयनगर के राजकीय केंद्र में स्थित महानवमी डिव्या से संबंधित अनुष्ठानों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर : महानवमी डिब्बे से जुड़े अनुष्ठान थे-
(1) मूर्ति की पूजा।
(2) राज्य के अश्व की पूजा।
(3) भैंसों तथा अन्य जानवरों की बलि।

अथवा

तालीकोटा (राक्षसी-तांगड़ी) का युद्ध कब और किनके बीच हुआ ? इसमें हारने वाले राज्य का नाम बताएँ।
उत्तर : तालीकोटा का युद्ध 1656 ई० में दक्षिण के सुलतानो के संगठन तथा विजयनगर के शासक सदाशिवराय के बीच हुआ।इसमें विजयनगर की हार हुई।

प्रश्न 28. तालीकोट का प्रसिद्ध युद्ध कब और किसके बीच लड़ा गया ?
उत्तर : तालीकोट का प्रसिद्ध युद्ध विजयनगर साम्राज्य और बहमनी राज्य के बीच 1563 ई. में लड़ा गया।

प्रश्न 29. विजयनगर साम्राज्य में जिलों को क्या कहा जाता था ?
उत्तर : विजयनगर साम्राज्य में जिलों को काट्टम कहा जाता था।

प्रश्न 30. विजयनगर साम्राज्य में अमर-नायक कौन थे ? उनके किन्हीं दो कार्यों का उल्लेख कीजिए।

अथवा

विजयनगर साम्राज्य में अमर-नायक कौन थे ? उनके या द्वारा किए गए किसी एक कार्य का उल्लेख कीजिए।

अथवा

अमर-नायक कौन थे ? उनके किन्हीं दो कर्तव्यों का सन उल्लेख कीजिए।
उत्तर : अमर-नायक विजयनगर राज्य के सैनिक कमांडर थे। कार्य :
(1) वे किसानों, शिल्पियों तथा व्यापारियों से भू-राजस्व तथा अन्य कर वसूल करते थे।
(2) उनके सैनिक दल आवश्यकता के समय राजा को सैनिक सहायता देते थे।

प्रश्न 31. विजयनगर की भौगोलिक स्थिति की किन्हीं दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

अथवा

विजयनगर की भौगोलिक स्थिति की सबसे अधिक के चौकाने वाली दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर : (1) विजयनगर का सबसे महत्त्वपूर्ण भौगोलिक लक्षण यहाँ तुंगभद्रा नदी द्वारा निर्मित एक प्राकृतिक द्रोणी है। यह नदी उत्तर-पूर्व दिशा में बहती है।
(2) विजयनगर की विशाल किलेबंदी इसकी विशेषता है। इसे दीवारों से घेरा गया था। दूसरी महत्त्वपूर्ण

प्रश्न 32. विजयनगर के राजकीय केन्द्र में स्थित ‘हजारा राम मंदिर’ की कोई दो विशेषताएँ बताइए।
उत्तर : (i) यद्यपि अधिकांश मन्दिर धार्मिक केंद्र में स्थित थे, लेकिन राजकीय केंद्र में भी कई थे। इनमें से, एक अत्यंत दर्शनीय को हजारा राम मंदिर कहा जाता है। संभवत: इसका प्रयोग केवल राजा और उनके परिवार द्वारा ही किया जाता था।
(ii) इस मंदिर में बीच के देवस्थल की मूर्तियाँ अब नहीं हैं लेकिन दीवारों पर बनाए गए पटल मूर्तियाँ सुरक्षित हैं। इनमें मंदिर की आंतरिक दीवारों पर उत्कीर्णित रामायण से लिए गए कुछ दृश्यांश सम्मिलित हैं ये कलाकृतियाँ इस बात का प्रमाण देती हैं कि विजयनगर साम्राज्य में मंदिर स्थापत्य बहुत उन्नत थी।

प्रश्न 33. विजयनगर साम्राज्य के जल संसाधन क्यों विकसित किए गए थे? कारण लिखिए।
उत्तर : विजयनगर की जल-आवश्यकताओं को मुख्य रूप से तुंगभद्रा नदी द्वारा निर्मित एक प्राकृतिक कुंड से पूरा किया जाता था । यह नदी उत्तर-पूर्व दिशा में बहती है। इस कुंड के आस-पास ग्रेनाइट की पहाड़ियाँ हैं। ये पहाड़ियाँ शहर से चारों ओर करघनी का निर्माण करती सी प्रतीत होती हैं। इन पहाड़ियों से अनेक जल-धाराएँ निकलकर नदी में जा मिलती हैं। करीब-करीब सभी धाराओं के साथ-साथ बाँध बनाकर भिन्न-भिन्न आकारों के हौज बनाए गए थे। ऐसे सबसे महत्त्वपूर्ण हौजों में एक कमलपुरम् जलाशय का निर्माण पंद्रहवीं शताब्दी के आरंभिक वर्षों में कराया गया था। इस हौज के पानी से आस-पास के खेतों को सींचने के साथ-साथ इसे एक नहर के माध्यम से राजकीय केंद्र’ तक भी ले जाया गया था। हिरिया नहर जो उस समय के सबसे महत्त्वपूर्ण जल संबंधी संरचनाओं में से एक है, के खंडहरों को आज भी देखा जा सकता है । इस नहर में तुंगभद्रा पर बने बाँध के द्वारा पानी लाया जाता था और इसे ‘धार्मिक केंद्र’ से ‘शहरी केंद्र’ को अलग करने वाली घाटी को सिंचित करने में प्रयोग किया जाता था। इस नहर का निर्माण संभवत: संगम वंश के राजाओं द्वारा करवाया गया था।

प्रश्न 34. विरूपाक्ष मंदिर के सभागारों का प्रयोग किस रूप में किया जाता था ? किन्हीं दो रूपों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर : स्थानीय मान्यताओं के अनुसार तुंगभद्रा नदी के तट से लगे शहर के चट्टानी उत्तरी भाग की पहाड़ियाँ रामायण में उल्लिखित बाली और सुग्रीव के वानर राज्य की रक्षा करती थीं। अन्य मान्यताओं के अनुसार स्थानीय मातृदेवी पम्पादेवी ने इन पहाड़ियों में विरुपक्ष जो राज्य के संरक्षण देवता तथा शिव का एक रूप माने जाते हैं, से विवाह के लिए तय किया था। आज तक यह विवाह विरुपाक्ष मंदिर में हर वर्ष धूम-धाम से आयोजित किया जाता है।

प्रश्न 35. “1529 में कृष्णदेव राय की मृत्यु के पश्चात् राजकीय ढाँचे में तनाव उत्पन्न होने लगा।” इस कथन की समालोचनात्मक समीक्षा कीजिए।

अथवा

कृष्णदेव राय की मृत्यु के पश्चात् उसके उत्तराधिकारियों को विद्रोही नायकों तथा सेनापतियों की चुनौतियों का किस प्रकार सामना करना पड़ा ? उल्लेख कीजिए।
उत्तर : कृष्णदेव की मृत्यु के पश्चात् 1529 में राजकीय ढाँचें में तनाव उत्पन्न होने लगा। उसके उत्तराधिकारियों को विद्रोही नायकों या सेनापतियों से चुनौती का सामना करना पड़ा। 1512 तक केन्द्र पर नियंत्रण एक अन्य राजकीय वंश अराविदु के हाथों | में चला गया जो सत्रहवीं शताब्दी के अंत तक सत्ता पर बने रहे।
पहले की ही तरह इस काल में भी विजयनगर शासकों और साथ ही दक्कन सल्तनतों के शासकों की सामरिक महत्त्वाकांक्षाओं के चलते समीकरण बदलते रहे । अंततः यह स्थिति विजयनगर के विरुद्ध दक्कन सल्तनतों के बीच मैत्री-समझौते के रूप में परिणित हुई।
1565 में विजयनगर की सेना प्रधानमंत्री राम-राय के नेतृत्व में राक्षसी-तांगड़ी (जिसे तालीकोटा के नाम से भी जाना जाता है) के युद्ध में उतरी जहाँ उसे बीजापुर, अहमदनगर तथा गोलकुंडा की संयुक्त सेनाओं द्वारा करारी शिकस्त मिली । विजयी सेनाओं ने विजयनगर शहर पर धावा बोलकर उसे लूटा । कुछ वर्षों के भीतर यह शहर पूरी तरह से उजड़ गया । अब साम्राज्य का केन्द्र पूर्व की ओर स्थानांतरित हो गया जहाँ अराविदु राजवंश ने पेनुकोंडा से और बाद में चन्द्रगिरी (तिरुपति के समीप) से शासन किया।

प्रश्न 36. विजयनगर के भग्नावशेषों में सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण जल संबधी संरचना का नाम लिखिए। उसकी दो मुख्य विशेषताएँ बताइए।
उत्तर : विजयनगर के भग्नावशेषों में सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण जल संबंधी सरचना कमलपुरम जलाशय है।
विशेषताएँ :
(i) इस हौज में पानी से आस-पास के खेतों को सींचा जाता
(ii) इसे नहर के माध्यम से राजकीय केंद्र तक भी ले जाया गया था।

प्रश्न 37. विजयनगर साम्राज्य के मंदिर परिसरों की दो प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

अथवा

विजयनगर में स्थित मंदिर परिसरों की दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर : विजय नगर साम्राज्य के मंदिर परिसरों की प्रमुख विशेषताएँ-
(i) स्थानीय मान्यताओं के अनुसार तुंगभद्रा नदी के तट से लगे शहर के चट्टानी उत्तरी भाग की पहाड़ियाँ रामायण में उल्लिखित बाली और सुग्रीव के वानर राज्य की रक्षा करती थी। अन्य मान्यताओं के अनुसार स्थानीय मातृदेवी पम्पादेवी ने इन पहाड़ियों में विरुपक्ष जो राज्य के संरक्षक देवता तथा शिव का एक रूप माने जाते हैं, से विवाह के लिए तय किया था। आज तक यह विवाह विरुपाक्ष मंदिर में हर वर्ष धूम-धाम से आयोजित किया जाता है।
(ii) विजयनगर के स्थान का चयन वहाँ विरुपाक्ष तथा पम्पादेवी मंदिरों के अस्तित्व से प्रेरित था। यहाँ तक कि विजयनगर के शासक भगवान विरुपाक्ष की ओर से शासन करने का दावा करते थे।
(iii) विजयनगर के राजाओं ने पूर्वकालिक परंपराओं अपनाया, उनमें नवीनता लाई और उन्हें आगे विकसित किया। अब राजकीय प्रतिकृति मूर्तियों, मंदिरों में प्रदर्शित की जाने लग और राजा की मंदिरों की यात्राओं को महत्त्वपूर्ण राजकीय अवसा माना जाने लगा जिन पर साम्राज्य के महत्त्वपूर्ण नायक भी साथ जाते थे।

प्रश्न 38. कृष्णदेव राय के शासन की दो विशेषता बताइए।
उत्तर : (1) कृष्णदेव राय के शासन की मुख्य विशेष विस्तार और सुदृढ़ीकरण था। 1512 ई० तक उसने तुंगभद्रा और कृष्ण किया। नदियों के बीच के क्षेत्र (रायचूर दोआब) पर अधिक प्रायद्वी बताइए।
(2) कुछ बेहतरीन मंदिरों के निर्माण तथा कई महत्त्वपूर्ण स्मृति दक्षिण भारतीय मंदिरों में गोपुरमों को जोड़ने का श्रेय कृष्णदेव को ही जाता है।

प्रश्न 39. विजयनगर के शासकों के अधीन मंदिर स्थापत्य में जिन तत्वों का समावेश हुआ, उनमें से किन्हीं दो तत्वों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर : (1) मंदिरों में विशाल, संरचनाएँ बनाई जाने लगीं। इनका सबसे अच्छा उदाहरण राम गोरपुरम् अथवा राजकीय प्रवेश द्वार थे।
(2) मंदिरों के अन्य विशिष्ट लक्षण मंडप तथा गलियारे थे। ये गलियारे मंदिर परिसर में स्थित देवस्थलों के चारों ओर बने थे।

प्रश्न 40. “विजयनगर एक विशिष्ट स्थापत्य शैली से अभिलक्षित था।” इस कथन की विजयनगर के धार्मिक स्थापत्यों के उदाहरणों सहित पुष्टि कीजिए।
उत्तर : (i) गोपुरम या प्रवेश द्वारों का निर्माण किया जात था। इससे लंबी दूरी से ही इनके मंदिर होने का संकेत मिलता था इनसे शासकों की ताकत और उस समय की तकनीक आदि के बारे में पता चलता है। इसके अलावा मंदिरों में मंडप और लंबे स्तंभों वाले गलियारों का निर्माण किया जाता था।
(ii) मंदिर परिसरों में रथ गलियाँ मंदिर के गोपुरम से सीध रेखा में जाती हैं। इनके दोनों ओर स्तंभ वाले मंडप थे जिनमें व्यापारी दुकानें लगाते थे। इन गलियों का फर्श पत्थर के टुकड़ो से बनाया गया था। मंदिर महत्त्वपूर्ण धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्रों के रूप में विकसित हुए। विजयनगर शासको के समय राजकीय प्रतिकृति मूर्तियाँ मंदिरों में प्रदर्शित की जान लगी थीं और राजा की मंदिरों की यात्राओं को महत्त्वपूर्ण राजकीय अवसर माना जाता था।
विरुपाक्ष मंदिर में मुख्य मंदिर के सामने बना मंडप कृष्णदेव राय ने अपने राज्यारोहण के उपलक्ष्य में बनवाया था। इसे सूक्ष्म से उत्कीर्णित स्तंभों से सजाया गया था।

प्रश्न 41. विजयनगर के रायाओं के अंतर्गत अमर-नायक । कौन थे? वे क्या करते थे?
उत्तर : अमर-नायक सैनिक कमांडर थे जिन्हें राय द्वारा प्रशासन के लिए राज्य क्षेत्र दिये जाते थे। वे किसानों, शिल्पकर्मियों तथा व्यापारियों से भू-राजस्व तथा अन्य कर वसूल करते थे। अमर-नायक राजा को वर्ष में एक बार भेंट भेजा करते थे और अपनी स्वामीभक्ति प्रकट करने के लिए राजकीय दरबार में उपहारों के साथ स्वयं उपस्थित हुआ करते थे।

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